अब तुर्किए को समझ आएगी अपनी हैसियत, मोदी सरकार का एक फैसला और टूट गए इस कंपनी के शेयर

मोदी सरकार के एक सख्त फैसले ने तुर्किए की एक बड़ी एविएशन कंपनी के पैरों तले जमीन खिसका दी है. भारत में ग्राउंड हैंडलिंग सर्विस देने वाली तुर्किए की कंपनी Celebi Airport Services India की सुरक्षा मंजूरी को सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनज़र तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया है. इस कदम के बाद इस्तांबुल स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयरों में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली.
क्यों हुई कार्रवाई?
ये फैसला उस वक्त आया जब तुर्किए ने पाकिस्तान का समर्थन किया और भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में की गई एंटी-टेरर स्ट्राइक्स की आलोचना की. यही नहीं, पाकिस्तान और भारत के सैन्य टकराव में तुर्किए के ड्रोन का इस्तेमाल भी किया गया था. इन सब घटनाओं ने भारत सरकार को अलर्ट कर दिया. देशभर से Celebi के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठने लगी और आखिरकार सरकार ने बड़ा कदम उठा लिया.
15 साल पुराना रिश्ता खत्म
Celebi पिछले 15 सालों से भारत के 9 बड़े एयरपोर्ट्स पर सेवाएं दे रही थी, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई, कोच्चि, अहमदाबाद, कन्नूर और गोवा शामिल हैं. लेकिन अब यह रिश्ता खत्म हो चुका है. BCAS ने नवंबर 2022 में दी गई सुरक्षा मंजूरी को रद्द करते हुए कंपनी की गतिविधियों पर रोक लगा दी है.
दिल्ली एयरपोर्ट ने भी नाता तोड़ा
BCAS के आदेश के बाद, दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) ने भी Celebi के साथ अपने सभी संबंध समाप्त कर दिए हैं. अब एयरपोर्ट पर ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो सेवाओं की जिम्मेदारी AISATS और Bird Group जैसी कंपनियों को सौंपी गई है ताकि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो.
शेयर मार्केट में भारी गिरावट
भारत की इस कार्रवाई का सीधा असर इस्तांबुल के शेयर बाजार पर दिखा. Celebi Hava Servisi AS के शेयर 16 मई को 222 अंक (10 फीसदी) गिरकर 2002 पर आ गए. बीते चार ट्रेडिंग सेशनों में कंपनी के शेयरों में करीब 30 फीसदी तक की गिरावट आ चुकी है. कभी 3285 के हाई लेवल को छूने वाला ये शेयर अब 1660 के निचले स्तर के करीब जा पहुंचा है.
कंपनी ने दी सफाई
Celebi India ने आरोपों से इनकार करते हुए बयान दिया कि, “हम किसी भी तरह से तुर्किए सरकार से जुड़े नहीं हैं. हम एक पेशेवर, पारदर्शी और न्यूट्रल कंपनी हैं, जिसका किसी राजनीतिक एजेंडे से कोई लेना-देना नहीं.” लेकिन चर्चाएं हैं कि तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन की बेटी सुमेय्या एर्दोगन बायराकतार कंपनी की मालिकों में से एक हैं. हालांकि, कंपनी ने इससे भी इनकार किया है.
सरकार ने कहा, राष्ट्रहित सर्वोपरि
केंद्रीय राज्य मंत्री (MoS) सिविल एविएशन मुरलीधर मोहोल ने सोशल मीडिया पर कहा, “देश के कई हिस्सों से इस कंपनी पर कार्रवाई की मांग आ रही थी. हमने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गई है.”
भारत का संदेश साफ है
इस पूरे घटनाक्रम ने दुनिया को एक मजबूत संदेश दे दिया है कि अगर आप भारत में कारोबार कर रहे हैं, तो आपको भारत के हितों का सम्मान करना ही होगा. चाहे कोई कंपनी कितनी भी पुरानी क्यों न हो, राष्ट्रीय सुरक्षा के आगे कुछ भी नहीं.