World

Ukraine Crisis: जान जोखिम में डालकर पैदल ही छोड़ा खारकीव, बमबारी के बीच तीन दिन जंगल में छुप कर बचाई जान

विस्तार

यूक्रेन से अभिषेक कुमार और छात्रा गरिमा यादव स्वदेश लौट आए हैं। सोमवार देर रात दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर माता-पिता ने उनका स्वागत किया। अपने बच्चों को सुरक्षित देख उन्हें अपने गले से लगा लिया और माथा चूम कर खुशी जताई। इस दौरान उनकी आंखें आंसुओं से भर आईं। बच्चों के लौटने पर उन्होंने सरकार का आभार व्यक्त किया।

पर्वतिया कॉलोनी निवासी अभिषेक खारकीव मेें अपने 25 साथियों के साथ फंसे थे। अभिषेक के चाचा दीपक कुमार ने बताया कि रात करीब 11 बजे उनके भतीजे की फ्लाइट दिल्ली पहुंची। उसे घर लौटने के लिए काफी कठिन परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।

कई किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद भी मदद नहीं मिल पा रही थी। जान जोखिम में डालकर खारकीव शहर से निकले थे। गोलीबारी शुरू होने के कारण उन्हें जंगल में दो तीन दिन तक रुकना पड़ा था। स्वदेश लौटने पर उन्होंने सरकार आभार जताया।

बमबारी के बीच पहुंचे थे बुखारेस्ट

तिगांव निवासी मेडिकल छात्रा गरिमा यादव ने बताया कि यूक्रेन में युद्ध से हालात बेहद खराब हो चुके हैं। वह अपने 47 दोस्तों के साथ रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट की शेल्टर होम में रुकी हुई थीं। बमबारी के बीच वह किसी तरह अपने 47 साथियों के साथ बुखारेस्ट पहुंचीं। यहां वह सभी पांच दिनों तक फंसे रहे। वह लगातार दूतावास के संपर्क में जरूर थे लेकिन उन्हें लाने के लिए कोई फ्लाइट की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। इससे पूरा परिवार परेशान हो गया था।

Related Articles

Back to top button