2017 की तुलना में पहले चरण में 3% कम मतदान, BJP को फायदा या नुकसान? क्या है वेस्ट यूपी का वोटिंग ट्रेंड

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर वोट डाले गए. इस बार इन सीटों पर 60.17 फीसदी मतदान हुआ, जो साल 2017 के चुनाव से दो फीसदी कम है. पिछले विधानसभा चुनाव में इन निर्वाचन क्षेत्रों में 63.47 फीसदी मतदान हुआ था. साल 2017 के चुनाव में बीजेपी ने इन 58 सीटों में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी.
पहले जानिए कहां कितनी हुई वोटिंग
- आगरा में 60.33 फीसदी
- अलीगढ़ में 60.49 फीसदी
- बागपत में 61.35 फीसदी
- बुलंदशहर में 60.52 फीसदी
- गौतम बौद्ध नगर में 56.73 फीसदी
- गाजियाबाद में 54.77 फीसदी
- हापुड़ में 60.50 फीसदी
- मथुरा में 63.28 फीसदी
- मेरठ में 60.91 फीसदी
- मुजफ्फरनगर में 65.34 फीसदी
- और शामली में 69.42 फीसदी मतदान हुआ.
पिछले तीन बार के चुनाव का प्रतिशत
पहले चरण की इन 58 सीटों पर 2017 में 63.75 और 2012 में 61.03 फीसदी मतदान हुआ था. वहीं 2007 में इन सीटों पर केवल 48.26 फीसदी मतदान हुआ था. इस चुनाव के बाद सपा की मुलायम यादव सरकार को सत्ता की कुर्सी से बेदखल होना पड़ा. चुनावी विशेषज्ञ कम मतदान को सत्ता परिवर्तन की लहर के रूप में देखते हैं. इसका अंदाजा 2007 के चुनावों से भी लगाया जा सकता है. कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की दिशा पश्चिम उत्तर प्रदेश से ही तय होती है.
पिछली बार बीजेपी जीती थी 53 सीटें
साल 2017 के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पहले चरण की 58 में से 53 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को दो-दो सीटें मिली थी. इसके अलावा राष्ट्रीय लोकदल का भी एक प्रत्याशी जीता था. बीजेपी जिन 5 सीटों पर हारी थीं, उनमें से 4 पर वह दूसरे नंबर पर रही थी.
जाट बहुल क्षेत्र में हुआ पहले चरण का चुनाव
पहले चरण का चुनाव जाट बहुल क्षेत्र में हुआ है. इस चरण में राज्य सरकार के मंत्रियों श्रीकांत शर्मा, सुरेश राणा, संदीप सिंह, कपिल देव अग्रवाल, अतुल गर्ग और चौधरी लक्ष्मी नारायण समेत कुल 623 उम्मीदवारों के सियासी भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद हो गया. इनमें 73 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं.