दुर्गापूजा पर पहली बार सूरत से चलेंगी 10 स्पेशल टेक्सटाइल पार्सल ट्रेनें, कपड़ा व्यापारियों को रोड ट्रांसपोर्ट की तुलना में होगा ज्यादा फायदा

ट्रेन के माध्यम से कपड़ा परिवहन करने को लेकर रेलवे ने आखिरकार सूरत के टेक्सटाइल व्यापारियों को मना लिया। रेलवे को शुक्रवार को सूरत से पहली बार कपड़ा परिवहन का बड़ा ऑर्डर मिल गया। आगामी दुर्गापूजा के दौरान सूरत से दस ट्रेनों के माध्यम से बंगाल में कपड़ा भेजा जाएगा। व्यापारियों ने दस टेक्सटाइल स्पेशल ट्रेनों की बुकिंग कर ली है, जबकि 10 और ट्रेन बुक करने के लिए पूछताछ की है। दस ट्रेनों के माध्यम से करीब 2400 टन कपड़ा परिवहन किया जा सकेगा।
मुंबई रेल मंडल के डीआरएम जीवीएल सत्यकुमार और सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के बीच शुक्रवार को अग्रसेन भवन में बैठक हुई। जिसमें ट्रेनों के माध्यम से कपड़ा परिवहन को लेकर चर्चा की गई। व्यापारियों ने खुलकर अपना पक्ष रखा। व्यापारियों ने कपड़ा परिवहन के लिए डेडिकेटेड ट्रेन चलाने, वाजिब किराया और समयबद्धता पर मांग प्रमुख रूप से रखी। डीआरएम ने व्यापारियों की सभी शिकायतें सुनी और उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया। डीआरएम ने कपड़ा परिवहन के लिए वाजिब किराए पर डेडिकेटेड ट्रेन चलाने की सहमति दी। जिसके बाद व्यापारियों ने तीन ट्रेनों की बुकिंग कर ली।
रेलवे को हाथो हाथ मिल गया टेक्सटाइल पार्सल ट्रेनों का ऑर्डर
टेक्सटाइल ऑर्डर बुक करने के लिए रेलवे की बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट पिछले डेढ़ साल से व्यापारियों को रिझाने की कोशिश कर रही थी, लेकिन व्यापारी रेलवे ट्रांसपोर्ट की तरफ आकर्षित नहीं हुए। क्योंकि रेलवे ने फ्रेट के लिए फ्लेक्सिबल चार्ज लगा रखा था, जिसमें व्यापारियों को रेलवे की बजाय सड़क परिवहन से फायदा होता है। इस बार रेलवे ने कपड़ा व्यापारियों को रिझाने के लिए फ्लेक्सिबल चार्ज हटा दिया और फ्रेट चार्ज भी पी स्केल पर निर्धारित कर दिया है। पहले आर स्केल पर होता था।
रोड ट्रांसपोर्ट की तुलना में ट्रेन से 20 हजार तक की बचत
सूरत टेक्सटाइल गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के प्रेसीडेंट युवराज देसले ने बताया कि पहले हम दुर्गापूजा पर बंगाल ट्रकों से कपड़ा भेजते थे। मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में लगे एसएलआर कोच में भी लोडिंग करते थे, लेकिन वो महंगा पड़ता था। रोड के जरिये माल पहुंचाने में 4-5 दिन लग जाते थे। अब रेलवे नई योजना के तहत टेक्सटाइल ट्रेन चला रहा है। इससे हमें फायदा है। क्योंकि रेलवे ने फ्लेक्सिबल चार्ज हटा दिया है। अब रोड ट्रांसपोर्ट के 7-8 हजार के मुकाबले रेलवे में 15 से 20 हजार की बचत होगी।
सितम्बर-अक्टूबर में चलथान से रवाना होंगी पार्सल ट्रेनें
सूरत रेलवे स्टेशन के निदेशक दिनेश वर्मा ने बताया कि 22 अक्टूबर तक बंगाल के संगरेल के लिए 10 टेक्सटाइल पार्सल ट्रेन चलेंगी। प्रत्येक ट्रेन 25 कोच की होगी और 238 टन कपड़े लोड हो सकेंगे। ये ट्रेनें चलथान स्टेशन से 22, 24 व 29 सितम्बर,1, 6, 8, 20 और 22 अक्टूबर को रवाना होंगी।