उत्तर गुजरात की 21 तहसीलों में हल्की बारिश का दौर जारी, अगले 4-5 दिनों में सौराष्ट्र सहित पूरे राज्य में भारी बारिश की संभावना

मॉनसून में भी गुजरात में इस वर्ष अब तक अच्छी बारिश नहीं हुई है। लेकिन सोमवार को बीते 24 घंटे में उत्तर गुजरात की 21 तहसीलों में हल्की बारिश दर्ज की गई। इनमें से साबरकांठा जिले की पोसीना तहसील में सर्वाधिक एक इंच के करीब हुई है। इसके साथ ही राज्य में अब तक 41.86 फीसदी बारिश हो चुकी है, जो पिछले मौसम की तुलना में कम है। मौसम विभाग ने आगामी पांच दिन गुजरात में भारी बारिश की चेतावनी दी है। जिससे किसानों को अपनी फसल सूखने से बचने की उम्मीद है।
राज्य में फिलहाल बारिश का जोर कम हो गया है। रविवार सुबह छह बजे पूरे हुए चौबीस घंटे में जिन तहसीलों में बारिश हुई है, उनमें से साबरकांठा जिले की पोसीना में 24 मिमी बारिश हुई है। इसके अलावा साबरकांठा जिले की ही विजयनगर तहसील में 128 मिमी, अमरेली जिले की राजुला में 15, खंभात में 14 मिमी बारिश दर्ज की गई है। वहीं, अरवल्ली की बायड, सुरेंद्रनगर की लींबडी, वलसाड की कपराडा और सूरत की महुआ तहसील में 12-12 मिमी बारिश हुई है। जबकि 13 तहसीनों में एक मिमी से लेकर आठ मिमी तक बारिश हुई।
मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि सोमवार से प्रदेश के गुजरात रीजन के कुछ भागों में तेज हवा के साथ हल्की बारिश हो सकती है। जबकि मंगलवार को दक्षिण गुजरात के वलसाड, नवसारी, सूरत एवं डांग जिलो में भारी बारिश हो सकती है।
मौसम की 41.86 फीसदी बारिश
राज्य में अब तक मौसम की 41.86 फीसदी ही बारिश हुई है। पिछले 30 वर्षों में राज्य में बारिश का औसत 840 मिमी रहा है, जिसके मुकाबले अब तक 351.62 मिमी बारिश हो पाई है। अगस्त माह के 29 दिनों में महज 54.54 मिमी ही औसत बारिश हो पाई है। जलाई माह में 176.70 मिमी और जून में 120.38 मिमी बारिश हुई है।
12 जिलों में हो जाएगी पीने के पानी की किल्लत
प्रदेश में मानसून सत्र समाप्त होने में डेढ़ महीने का समय बचा है। बारिश के आंकड़ों को देखें तो जून में 120 मिमी, जुलाई में 177 मिमी और अगस्त में 54 मिमी बारिश हुई है। अब मानसून के बचे हुए दिनों में अच्छी बारिश होना जरूरी है। नहीं तो राज्य में सूखा पड़ जाएगा। वर्तमान में राज्य में 12 जिले ऐसे हैं, जहां सिंचाई के लिए पानी देना तो दूर, पेयजल की कमी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं डेमों में पानी की कमी से फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है।