धीमी हो जाएगी धरती के घूमने की रफ्तार! चीन बना रहा ‘वॉटर बम’, CM खांडू ने दी ये चेतावनी

चीन ने हाल ही में कबूल किया है कि वो ‘वॉटर बॉम्ब’ बना रहा है. जी हां चीन दुनिया का सबसे बड़ा जलविद्युत बांध बनाने जा रहा है. जो अब तक के सबसे बड़े डैम थ्री गॉर्जेस से भी तीन गुना बड़ा होगा. इसको लेकर भारत में काफी हलचल मची हुई है. क्योंकि चीन यह डैम पूर्वी तिब्बत में बना रहा है. यह भी कहा जा रहा है कि इसके बनने से धरती के घूमने की स्पीड पर भी फर्क पड़ेगा, क्योंकि हाल ही में दावा किया गया है कि थ्री गॉर्जेस की वजह से धरती की स्पीड में बदलाव आया है. ऐसे में इससे भी तीन गुना बड़ा डैम से और फर्क पड़ना लाजमी है. इस डैम को लेकर हाल ही में अरुणाचल के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने चिंता व्यक्त की है.
60000 मेगावाट बिजली होगी पैदा
शुक्रवार को डैम पर बात करते हुए चेतावनी दी कि चीन इसका इस्तेमाल जल बम के तौर पर कर सकता है. भारतीय सीमा के पास यारलुंग त्सांगपो नदी पर बनने जा रहे इस की तरफ ध्यान दिलाते हुए कहा कि इससे 60 हजार मेगावाट बिजली पैदा हो सकती है. यह नदी अरुणाचल प्रदेश में सियांग के रूप में प्रवेश करती है और बांग्लादेश में बहने से पहले असम में ब्रह्मपुत्र बन जाती है.
अरुणाचल, असम, बांग्लादेश के लोग होंगे प्रभावित
खांडू ने राज्य विधानसभा परिसर में ‘पर्यावरण और सुरक्षा’ के मुद्दे पर आयोजित सेमिनार के उद्घाटन समारोह में पहुंचे थे. यहां उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,’अगर चीन इसका इस्तेमाल जल बम के तौर पर करता है तो यह अदि जनजाति (जो अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में रहते हैं) और असम व बांग्लादेश तक के लाखों लोगों को पूरी तरह प्रभावित करेगा.’ यारलुंग त्सांगपो नदी पर चीन के ज़रिए दुनिया के सबसे बड़े जलविद्युत बांध का निर्माण अरुणाचल प्रदेश, असम और बांग्लादेश में लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित कर सकता है.
विनाशकारी असर पड़ेगा
उन्होंने आगे कहा,’यह बहुत बड़ा चिंता का विषय है. इस परियोजना का अरुणाचल प्रदेश और असम पर विनाशकारी असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि बांध से अचानक पानी छोड़े जाने से पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ आ सकती है. उन्होंने कहा कि यह और भी चिंताजनक है, क्योंकि चीन जल संबंधी वैश्विक संधियों का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है. उन्होंने चेतावनी दी, ‘शक्तिशाली सियांग या ब्रह्मपुत्र नदी सर्दियों में सूख जाएगी, जिससे सियांग बेल्ट और असम के मैदानी इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाएगा.’
क्या है चीन की दलील?
चीन की मेगा बांध परियोजना चीन ने भारतीय सीमा के पास तिब्बत में दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाने के अपने इरादे की पुष्टि की है. इस बात पर जोर देते हुए कि इस परियोजना को लेकर बड़े स्तर पर वैज्ञानिकों रिसर्च की है. बीजिंग ने यकीन दिलाया है कि बांध से भारत और बांग्लादेश समेत निचले इलाकों के देशों पर कोई गलत प्रभाव नहीं पड़ेगा.