Russia-Ukraine War: क्या रूसी सैनिक डालेंगे हथियार? पुतिन को घुटनों पर लाने के लिए अब यूक्रेन ने फेंका ‘ट्रंप कार्ड’

यूक्रेन और रूस के बीच पिछले 9 महीने से ज्यादा वक्त से युद्ध चल रहा है. रूस जहां रॉकेट और मिसाइलों से यूक्रेन के शहरों को तबाह कर रहा है. वहीं यूक्रेन की सेनाएं भी पुतिन की आर्मी को मुंहतोड़ जवाब दे रही हैं. यूक्रेन रूस के सैनिकों का मनोबल तोड़ने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन सरकार की ”सरेंडर हॉटलाइन” से रूस के सैनिकों को हर दिन 100 कॉल आ रहे हैं. यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा, ‘मैं जीना चाहता हूं प्रोजेक्ट चल रहा है’. रूस के सैनिक मैसेजिंग ऐप के जरिए जानकारी देकर या फिर हॉटलाइन पर नंबर डायल कर यूक्रेन के सामने सरेंडर कर सकते हैं.’
अधिकारियों ने कहा कि उनके पास हमलावर कर्मियों और उनके परिवारों से 3,500 से अधिक संपर्क हैं. बीबीसी की रिपोर्ट में कहा गया, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा सैकड़ों हजारों रूसी पुरुषों को संगठित करने और खेरसॉन शहर को मुक्त करने के बाद से इसमें इजाफा हुआ है.यूक्रेन में जिस हेडक्वॉर्टर्स में जंग के कैदियों का इलाज किया जाता है, वहां अकसर बिजली चली जाती है.
रूस की सेना से अकसर बातचीत करने वाली यूक्रेन के एक कॉल हैंडलर श्वेतलाना ने कहा कि जो सैनिक सरेंडर करना चाहते हैं, वे इसके बारे में फोन या फिर टेलीग्राम या व्हाट्सऐप जैसे मैसेजिंग ऐप्स पर बता सकते हैं. शाम को अधिकतर सैनिक खाली रहते हैं तो वे चुपके से कॉल कर सकते हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया, सबसे पहले हमें एक आवाज सुनाई देती है, जिसमें पुरुष बात करते हुए नजर आते हैं. उन्होंने आगे बताया, वह अक्सर आंशिक रूप से हताश, निराश होते हैं, क्योंकि वे पूरी तरह से नहीं समझते हैं कि हॉटलाइन कैसे काम करती है. हालांकि, कॉल हैंडलर ने यह नहीं बताया कि उसने कितने रूसियों की मदद की या प्रक्रिया कैसे होती है. उन्होंने बीबीसी को बताया कि आगे निर्देश दिए जाने से पहले उन्हें बस अपनी लोकेशन शेयर करने के लिए कहा गया है.
इंस्टिट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ वॉर के मुताबिक, रूस घरेलू आलोचनाओं को शांत करने से ज्यादा युद्ध के कैदियों की अदला-बदली कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस और यूक्रेन के पास एक-दूसरे के हजारों कैदी हैं, लेकिन सही आंकड़े की पुष्टि नहीं हो पाई है.