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कच्चातिवु द्वीप को लेकर श्रीलंका के विदेश मंत्री ने दिया ऐसा बयान, बढ़ेगी भारत की टेंशन

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका ने शुक्रवार (4 जुलाई, 2025) को विवादित कच्चातिवु द्वीप को लेकर बड़ा बयान दिया है. श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश का कच्चातिवु द्वीप छोड़ने का कोई इरादा नहीं है.

श्रीलंकाई विदेश मंत्री विजिता हेराथ ने गुरुवार (3 जुलाई, 2025) को सिरासा टीवी से बातचीत में कहा, ‘‘इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हमारे राजनयिक माध्यम हैं, लेकिन यह तय है कि श्रीलंका कभी भी कच्चातिवु द्वीप को छोड़ने के लिए सहमत नहीं होगा.’’

श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर बोले विदेश मंत्री

श्रीलंका के विदेश मंत्री ने यह बात श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों को लगातार गिरफ्तार किए जाने की घटनाओं से जुड़े एक सवाल के जवाब में कही. भारत और श्रीलंका के मछुआरे एक-दूसरे के जलक्षेत्र में अनजाने में प्रवेश कर जाते है और वहां उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता है.

1975 में आपातकाल के दौरान एक समझौते से उपजा गिरफ्तारी का मुद्दा

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 27 जून को कहा था कि श्रीलंका की ओर से भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार करने का मुद्दा 1975 में लगाए गए आपातकाल के दौरान हुए एक समझौते से उपजा है. उस समझौते के तहत कुछ विशिष्ट क्षेत्रों में मछली पकड़ने के अधिकारों को छोड़ दिया गया था.

कच्चातिवु पर भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक वाद-विवाद

वहीं, श्रीलंकाई विदेश मंत्री हेराथ ने इस मुद्दे को यह कहते हुए टाल दिया कि कच्चातिवु मुद्दे पर बयानबाजी केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी के बीच राजनीतिक वाद-विवाद है.

श्रीलंकाई विदेश मंत्री भारतीय मछुआरों पर लगाए आरोप

हेराथ ने भारतीय मछुआरों पर कच्चातिवु द्वीप के निकट मछली पकड़ने के लिए श्रीलंका की समुद्री सीमा में घुसने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे न केवल संसाधनों को लूटते हैं बल्कि समुद्री पौधों को भी नुकसान पहुंचाते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन हम निश्चित रूप से जानते हैं कि भारत सरकार श्रीलंकाई जलक्षेत्र में लगातार अवैध मछली पकड़ने के पक्ष में नहीं है.’’

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