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धाराशिवमध्ये सोयाबीन पेरलं पण साधा अंकूरही फुटेना, महाबीजचं बियाणं बोगस निघालं, शेतकऱ्यांवर दुबार पेरणीचं संकट

 प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार (23 जून 2025) को दुनियाभर में भारत के खिलाफ झूठ का ढोल पीटकर लौटे पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (PPP) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी और उनके नेतृत्व में गए राजनयिक प्रतिनिधिमंडल की खूब तारीफ की. उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में भारत द्वारा की गई “अकारण सैन्य और जल आक्रामकता” को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रभावी ढंग से उजागर किया. साथ ही अमेरिका और यूरोप में हुई राजनयिक बैठकों में पाकिस्तान के पक्ष को मजबूती से रखा, जो एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है.

जलवायु मंत्री ने दी दौरे की जानकारी
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने ये बातें जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. मुसद्दिक मलिक के साथ बैठक के दौरान कहीं, जो इस राजनयिक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे. डॉ. मलिक ने प्रधानमंत्री को इस विदेश दौरे की प्रमुख बैठकों, वहां के परिणामों और पाकिस्तान के पक्ष को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कैसे रखा गया, इसकी विस्तार से जानकारी दी. बैठक में दोनों नेताओं ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा चलाए जा रहे कार्यक्रमों और नीतियों की भी समीक्षा की.

भारत-पाक तनाव के बीच संवाद की वकालत
प्रतिनिधिमंडल ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत को बढ़ावा दे. प्रतिनिधियों ने जोर देकर कहा कि जब तक दोनों परमाणु संपन्न देशों के बीच नियमित और रचनात्मक संवाद नहीं होगा, तब तक क्षेत्रीय अस्थिरता बनी रहेगी. उन्होंने चेतावनी दी कि संवाद की कमी से आतंकवादी तत्वों को ताकत मिलती है और इससे सुरक्षा खतरे और बढ़ जाते हैं.

भारत पर गंभीर आरोप, FATF और आतंकवाद के मुद्दे उठाए
प्रतिनिधिमंडल ने अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ के अधिकारियों के सामने यह आरोप लगाया कि भारत आतंकवाद के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रहा है ताकि पाकिस्तान की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके. उन्होंने बताया कि भारत ने FATF (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के मंच पर पाकिस्तान की प्रगति को रोकने की भरपूर कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद इस्लामाबाद ने ग्रे लिस्ट से निकलकर सफलतापूर्वक व्हाइट लिस्ट में जगह बना ली है. प्रतिनिधिमंडल ने झूठ का पुलिंदा पेश करते हुए यह भी कहा कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “खतरनाक टकराव की नीति” पूरे दक्षिण एशिया की शांति और स्थिरता के लिए बड़ा खतरा है.

जल विवाद पर कड़ा रुख, आतंकवाद से सबसे ज्यादा पाकिस्तान प्रभावित
प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर भी जोर दिया कि पाकिस्तान आतंकवाद से भारत की तुलना में कहीं अधिक प्रभावित हुआ है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में भारत की तुलना में दस गुना अधिक आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें से कई हमलों के पीछे भारत की फंडिंग या दखल के संकेत मिले हैं. इसके साथ ही प्रतिनिधियों ने साफ किया कि पाकिस्तान अपने जल अधिकारों से किसी भी हालत में समझौता नहीं करेगा और सिंधु सहित सभी छह नदियों से अपने हिस्से का पानी पाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा. यह संदेश भारत को स्पष्ट रूप से दिया गया कि पाकिस्तान अपने नागरिकों के जल अधिकारों की रक्षा हर कीमत पर करेगा.

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