‘कल्याण बनर्जी ने मुझे गाली दी’, वक्फ की जेपीसी बैठक में क्यों हुआ हंगामा, जगदंबिका पाल ने बताई पूरी कहानी
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वक्फ को लेकर बनाई गई संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की बैठक के दौरान शुक्रवार को एक बार फिर हंगामा हुआ. चेयरपर्सन जगदंबिका पाल ने हंगामे के चलते 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया. विपक्षी सांसद सवाल उठा रहे थे कि आखिर इतनी जल्दबाजी में कमेटी की बैठक क्यों बुलाई जा रही हैं. इसी दौरान विपक्षी सांसदों और सत्ता पक्ष से जुड़े हुए सांसदों के बीच नोक झोंक भी हो गई. यही नहीं जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्षी सांसदों ने उनके खिलाफ असंसदीय शब्द इस्तेमाल किए और गाली भी दी.
जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, “हमने सदन को दो बार स्थगित किया. कल्याण बनर्जी ने मेरे खिलाफ असंसदीय शब्दों का इस्तेमाल किया और मुझे गाली दी, मैं उनसे अनुरोध करता रहा कि उन लोगों को बोलने दें, जिन्हें हमने आमंत्रित किया था. हमने सदन को बार-बार स्थगित किया, लेकिन वे नहीं चाहते थे कि बैठक जारी रहे. जम्मू-कश्मीर से एक प्रतिनिधिमंडल आया था, लेकिन वे चिल्लाते और नारे लगाते रहे इसलिए आखिरकार निशिकांत दुबे को प्रस्ताव पेश करना पड़ा और सभी ने इस पर सहमति जताई.”
विपक्षी सांसदों ने क्या लगाए आरोप?
वक्फ को लेकर बुलाई गई संसद की संयुक्त समिति की बैठक के दौरान सत्ता पक्ष से जुड़े हुए सांसद और विपक्षी सांसदों में तीखी नोक झोक हुई. विपक्षी सांसद लगातार चेयरपर्सन जगदंबिका पाल के ऊपर हमलावर थे. विपक्षी सांसदों का आरोप था की चेयरपर्सन जगदंबिका पाल बिना विपक्षी सांसदों की बात सुने हुए अपनी मर्जी के मुताबिक बैठक बुला रहे हैं.
विपक्षी सांसदों के आरोप
विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि पहले कमेटी की बैठक 24 और 25 तारीख को बुलाई गई और बाद में 25 तारीख की बैठक को स्थगित कर 27 जनवरी को कर दिया गया. विपक्षी सांसद लगातार कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल के ऊपर पक्षपात पूर्ण रवैए का आरोप लगा रहे थे.
जगदंबिका पाल पर विपक्षी सांसदों ने लगाए आरोप
सूत्रों के मुताबिक इस दौरान जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने हस्तक्षेप किया, जिसके बाद तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी और निशिकांत दुबे के बीच तीखी बहस भी हुई. बहस इतनी बढ़ गई की चेयरपर्सन को हस्तक्षेप करना पड़ा और जैसे ही चेयरपर्सन जगदंबिका पाल ने हस्तक्षेप किया विपक्षी सांसदों ने उन पर भी आरोप लगाने शुरू कर दिए. इसके बाद चेयरपर्सन जगदंबिका पाल ने कमेटी में मौजूद 10 विपक्षी सांसदों को कमेटी की बैठक से एक दिन के लिए निलंबित कर दिया.
‘विपक्षी सांसदों के आरोप निराधार’
कमेटी के चेयरपर्सन जगदंबिका पाल ने कहा विपक्ष के आरोप पूरी तरह निराधार है क्योंकि कमेटी के तमाम सदस्यों के कहने के बाद ही मीरवाइज उमर फारूकी को कमेटी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया. जगदंबिका पाल ने कहा कि एक तरफ विपक्षी सांसद कहते हैं कि मुस्लिम संगठनों को बोलने का मौका नहीं मिलता और जब हम मौका दे रहे हैं तो उस पर यह हंगामा कर रहे हैं.
‘सरकार की मंशा साफ है’
विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष उनकी बात नहीं सुनने और समिति की बैठक जल्दी-जल्दी करने का आरोप लगा रहा है, जबकि सरकार की मंशा साफ है कि, जितने ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुना जा सकता है सुना जाए. इसी वजह से इस कमेटी का कार्यकाल शीतकालीन सत्र तक के लिए था. उसको बढ़ाकर बजट सत्र के लिए किया गया, लिहाज़ा विपक्ष के आरोप निराधार हैं.
आगामी बजट सत्र में सदन में पेश होगी जेपीसी की रिपोर्ट
हालांकि, सूत्र इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि जल्द ही वक्फ बिल को लेकर बनाई गई संसद की समिति की बैठक अपना कामकाज पूरा करेगी और अपनी फाइनल रिपोर्ट आगामी बजट सत्र के दौरान सदन के सामने पेश करेगी.