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सीरिया में बशर अल-असद का तख्तापलट होते ही इजरायल ने अमेरिका के साथ मिल कर किया बड़ा खेल!

बशर अल-असद के तख्तापलट के बाद सीरिया पर अब इस्लामिक विद्रोही ग्रुप हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का कब्जा हो गया है. सीरिया में एचटीएस के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद परिवार को लेकर रूस भाग गए हैं. वहीं, अमेरिका वायु सेना के बॉम्बर्स ने इजरायल के साथ मिलकर सीरिया में सैन्य ठिकानों और केमिकल हथियारों की फैक्ट्री पर जोरदार एयर स्ट्राइक करके उन्हें तबाह कर दिया.

अमेरिका और इजरायल दोनों को डर सता रहा था कि ये सीरिया के ये हथियार कहीं विद्रोहियों के हाथ न लग जाएं. वहीं, दूसरी तरफ इजरायल की सेना ने जमीन से भी सीरिया की सीमा के अंदर प्रवेश कर लिया. साल 1974 की संधि के बाद ऐसा पहली बार हुआ है जब इजरायल की सेना ने सीरिया की जमीन पर कदम रखा था. यही नहीं इजरायली सेना ने गोलान हाइट्स के पास 10 किमी सीरियाई सीमा के भीतर जमीन पर कब्जा करके उसे एक बफर जोन में तब्दील कर दिया है. इजरायल ने इस कदम के पीछे अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा का हवाला दिया है. उसने कहा कि यह कदम कुछ समय के लिए ही है.

IDF ने सीरियाई जमीन पर खूब मचाई तबाही

बशर अल असद के देश छोड़ने के बाद इजरायली वायुसेना ने सीरिया के अंदर घुसकर कई सैन्य ठिकानों पर हमला बोला है. इजरायली सैन्य सूत्रों ने कहा कि यह हमला काफी भीषण था. रविवार (08 दिसंबर) को इजरायली सेना ने इजरायल सीरिया सीमा पर गोलान हाइट्स के अंदर एक बफर जोन बनाया है.

सीरिया में असद शासन खत्म होते ही सीरिया से ईरान का प्रभाव भी खत्म हो गया है. जिससे इजरायल को एक बड़ा मौका मिला है. अब ईरान सीरिया के रास्ते लेबनान में हिजबुल्लाह को हथियार नहीं भेज पाएगा.

IDF ने तबाह किए सैन्य ठिकानें

इजरायली सेना ने रविवार (8 दिसंबर) को सीरिया में घुसकर 7 सैन्य ठिकानों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है. इसमें खालखला एयर बेस और सैन्य अड्डा भी शामिल है. इन हमलों में सीरियाई सेना के मिलिट्री इंटेलिजेंस ऑफिस को भी भारी नुकसान पहुंचा है. IDF ने दावा किया कि ईरान सीरिया में हथियारों की फैक्ट्री चला रहा था और उसके एक्सपर्ट्स वहां मौजूद रहते थे.

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