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जीडीपी में मेंढक की चाल और आसमान छूती महंगाई, जब आज के पाकिस्‍तान जैसा था भारत का हाल

एक तरफ भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है. देश की तेज रफ्तार को देखते हुए कई अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने दावा किया है कि अगले साल तक वह चौथे नंबर होगा और 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा. वहीं, दूसरी तरफ है पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, जो सिर से लेकर पांव तक कर्ज में डूबा हुआ है. आम जनता महंगाई से परेशान है तो वहीं उसके पास सरकारी खर्च के लिए भी पैसा नहीं है. इस साल तो पाकिस्तान के बैंकरप्ट होने की नौबत आ गई थी, लेकिन इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) और उसके दोस्त देशों ने ऐसा होने से उसको बचा लिया.

चीन, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और सऊदी अरब जैसे देशों से उसको बार-बार मदद मांगनी पड़ रही है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ एक के बाद दौरे कर रहे हैं और अपनी बदहाली की कहानी दुनिया को सुनाकर मदद मांग रह रहैं, जिसके बाद कुछ देशों की तरफ से बड़ी रकम भी दी गई है. यूएई और सऊदी ने पाकिस्तान में कई अरब के इनवेस्टमेंट किए हैं.

मौजूदा समय में पाकिस्तान और भारत के हालातों में बहुत बड़ा फर्क नजर आता है. विकास, महंगाई, जीडीपी, हर लिहाज से भारत के सामने पाकिस्तान बहुत छोटा है, लेकिन अगर तीन दशक पहले दोनों देशों के हालातों को देखें तो स्थिति एकदम उलट थी. पाकिस्तान बड़ी पावर था और जो हालात आज वहां हैं, वैसी स्थिति कभी भारत की थी.

साल 1960 से 1991 के बीच 30 सालों में भारत में महंगाई पाकिस्तान के मुकाबले काफी ज्यादा थी. हालांकि, इस दौरान कुछ साल ऐसे भी थे जिनमें पाकिस्तान की मंहगाई का आंकड़ा ज्यादा था, लेकिन दोनों देशों के बीच फासला बहुत ज्यादा नहीं था. 1960, 1970, 1977 और 1985 इन चार सालों में पाकिस्तान में महंगाई अधिक थी, लेकिन 1960 और 1977 ही ऐसे साल रहे, जिनमें ज्यादा अंतर देखा गया. बाकी के दो साल में बहुत कम अंतर से पाकिस्तान आगे था.

जीडीपी की बात करें तो इस मामले में भी पाकिस्तान भारत से ज्यादा बड़ी पावर था. 1961 से 1991 के बीच हर साल पाकिस्तान की जीडीपी ग्रोथ रेट 5 से 6 फीसदी के बीच थी. इसमें से भी तीन साल ऐसे थे, जब पाकिस्तान का ग्रोथ 10 फीसदी के भी ऊपर चला गया. वहीं, कई बार भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव में चला गया था.

1991 के बाद हालात बदलने शुरू हुए और भारत पाकिस्तान से बड़ी पावर के तौर पर उभर कर सामने आया. 2022 तक आते-आते जीडीपी से लेकर महंगाई तक हर तरह भारत के हालात बहुत बेहतर हो गए और पाकिस्तान गर्दिश की तरफ बढ़ता चला गया.

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