Space Nuclear War ‘Red Alert’: गोल्डन डोम देख US पर लाल हुआ कम्युनिस्ट देश का तानाशाह- ‘तो अंतरिक्ष में परमाणु युद्ध…’

चाहे दुनिया के दूसरे हिस्से से आए या अंतरिक्ष से, गोल्डन डोम तबाह कर देगा हर मिसाइल… अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान ने कई देशों की चिंता बढ़ा दी है. उत्तर कोरिया और चीन ने अमेरिका के ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल शील्ड प्लान को बेहद खतरनाक बताया है. उनका कहना है कि अमेरिका के इस कदम से अंतरिक्ष में न्यूक्लियर वॉर छिड़ने का खतरा है. पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गोल्डन डोम मिसाइल शील्ड प्लान को लेकर कई डिटेल्स और फंडिंग की घोषणा की थी और कहा था कि देश की सफलता और सर्वाइवल के लिए यह बेहद जरूरी है.
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि अमेरिका इसके तहत अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी जमीन, समंदर और अंतरिक्ष में तैनात करेगा, जिसमें सेंसर और इंटरसेप्टर्स तैनात किए जाएंगे. उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने बताया कि विदेश मंत्रालय ने ज्ञापन जारी कर गोल्डन डोम को पूरी दुनिया के लिए खतरा बताया है क्योंकि यह अंतरिक्ष को परमाणु युद्ध का मैदान बना सकता है.
उत्तर कोरिया को अमेरिका के गोल्डन डोम से क्यों है आपत्ति?
उत्तर कोरिया के ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि अमेरिका आउटर अंतरिक्ष का सैन्यीकरण करने पर उतारू है. इसमें कहा गया कि अमेरिका बाहरी अंतरिक्ष को संभावित परमाणु युद्ध क्षेत्र में बदलकर और न्यूक्लियर संपन्न देशों में सुरक्षा चिंताओं को भड़काकर दुनियाभर में परमाणु और अंतरिक्ष हथियारों की होड़ लगा देगा.
उत्तर कोरिया की चिंता की एक और वजह ये भी है कि अमेरिका उसके पड़ोसी और दुश्मन देश साउथ कोरिया का सुरक्षा सहयोगी है. दोनों हाल के दिनों में सैन्य अभ्यासों में तेजी लाए हैं और उत्तर कोरिया को रोकने के लिए क्षेत्र में साउथ कोरिया ने न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन, विमानवाहक पोत और अन्य अमेरिकी हथियारों की तैनाती बढ़ा दी है. उत्तर कोरिया दोनों देशों की इन मिलिट्री एक्सरसाइज की निंदा की है और आक्रमण के पूर्वाभ्यास का आरोप लगाया है.
चीन और रूस भी परेशान
चीन ने भी अमेरिका के गोल्डन डोम मिसाइल शील्ड प्लान की आलोचना की है और इसे इंटरनेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा बताया है. पहले रूस ने भी इस पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि ट्रंप प्रशासन को इस पर मॉस्को के साथ बात करनी चाहिए थी. तब रूस को भी चिंता थी कि यह अंतरिक्ष को परमाणु युद्ध का मैदान बना देगा. हालांकि, बाद में रूस ने बयान में तब्दीली कर ली और अब उसने इसे अमेरिका का संप्रभु मसला बताया.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि अगर उसको किसी मिसाइल हमले का खतरा है तो उसे डिफेंस सिस्टम जरूर बनाना चाहिए. दिमित्री पेसकोव ने डोनाल्ड ट्रंप के गोल्डन डोम प्लान की घोषणा के दो दिन बाद यह बयान दिया था.
क्या है गोल्डन डोम?
गोल्डन डोम का नाम इजरायली एयर डिफेंस सिस्टम आयरन डोम से लिया गया है, जिसे शॉर्ट-रेंज की मिसाइलों और अन्य हमलों को तबाह करने के लिए बनाया गया है. यह एक साथ हजारों मिसाइलों को तबाह कर सकता है. आयरन डोम साल 2011 से काम कर रहा है.
पिछले हफ्ते डोनाल्ड ट्रंप ने गोल्डन डोम मिसाइल शील्ड प्लान का ऐलान करते हुए बताया था कि उन्होंने इस अत्याधुनिक प्रणाली के लिए वास्तुकला का चयन कर लिया है. यह गोल्डन डोम किसी भी तरह के मिसाइल हमले को तबाह कर देगा, चाहे वो हमला दुनिया के दूसरे हिस्से से किया गया हो या फिर अंतरिक्ष से, हर तरफ से ये अमेरिका की रक्षा करेगा. उन्होंने इसे अमेरिका के लिए बेहद महत्वपूर्ण बताया था.
ट्रंप ने बताया कि यूएस स्पेस फोर्स के जनरल माइकल गुएटलिन प्रोजेक्ट को लीड करेंगे और कनाडा ने भी इसमें सहयोग करने की ख्वाहिश जाहिर की है क्योंकि वह सुरक्षा चाहते हैं. ट्रंप का कहना है कि प्रोजेक्ट के लिए 25 अरब डॉलर निर्धारित किए गए हैं और यह बजट 175 अरब डॉलर तक भी जा सकता है.