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एमसी शिमला चुनाव: वार्डों के पुनर्सीमांकन पर शहरी विकास विभाग, डीसी शिमला और चुनाव आयोग से जवाब तलब

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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने नगर निगम शिमला के चुनाव के लिए पुनर्सीमांकन और आरक्षण रोस्टर में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर दायर याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने के आदेश जारी किए हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सीबी बारोवालिया की खंडपीठ ने शिमला नगर निगम के नाभा वार्ड की पार्षद सिमी नंदा की ओर से दायर याचिका पर हुई सुनवाई के पश्चात यह आदेश पारित किए। प्रार्थी ने नगर निगम शिमला के पुनर्सीमांकन और आरक्षण रोस्टर को कोर्ट में चुनौती दी है। प्रार्थी की याचिका पर कोर्ट ने शहरी विकास विभाग सहित डीसी शिमला, चुनाव आयोग और एसडीएम शहरी व ग्रामीण शिमला से 21 मार्च तक जवाब तलब किया है। प्रार्थी का आरोप है कि चुनाव आयोग और शहरी विकास विभाग ने निगम वार्डों का पुनर्सीमांकन कर 41 वार्ड बनाने और आरक्षण रोस्टर तैयार करते समय निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और न ही हाईकोर्ट के इस संदर्भ में दिए निर्देशों का पालन किया।

प्रार्थी के अनुसार कोर्ट ने सरकार और चुनाव आयोग को आदेश दिए थे कि लोकतांत्रिक चुनावों की प्रक्रिया आरंभ करने से पहले तमाम औपचारिकताएं कम से कम तीन महीने पहले पूरी कर ली जानी चाहिए, जिससे सभी पीड़ित पक्ष समय से आपत्तियां दर्ज करवा सकें और जरूरत पड़ने पर समय रहते अदालत के समक्ष अपना पक्ष रख सके। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग व शहरी विकास विभाग ने हाल ही में नगर निगम शिमला का पुनर्सीमांकन कर कुल 41 वार्ड बनाने की अधिसूचना जारी की है। इन वार्डों में चुनाव से जुड़े आरक्षण रोस्टर की अधिसूचना भी जारी कर दी है। मामले पर सुनवाई 21 मार्च को होगी।

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