देश

Reality Check: बुलढाणा बस हादसे में आखिर कैसे जिंदा जल गए 26 लोग, सामने आई असली वजह

महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर एक यात्री बस में आग लगने से 26 यात्रियों की झुलस कर मौत हो गई। ये बस कल नागपुर के आशीर्वाद चौक से पुणे के लिए निकली थी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 7 लोग नागपुर से बस पर सवार हुए, जो पुणे के लिए निकले, बीच में वर्धा, यवतमाल से कुछ पैसेंजर को लेते हुए बस पुणे के लिए निकली। अब तक बस में 29 लोग सवार हो चुके थे। जिस वक्त बस हादसे का शिकार हुई तब वह बुलढाणा के समृद्धि मार्ग पर पुणे की ओर जा रही थी।

बस टकराई और फ्यूल टैंक ने पकड़ ली आग

पुलिस ने बताया कि एक निजी ट्रैवल्स की बस नागपुर से पुणे जा रही थी, तभी रास्ते में बुलढाणा जिले के सिंदखेडराजा के पास शुक्रवार देर रात करीब 1:30 बजे बस डिवाइडर से टकरा गई। बताया जा रहा है कि ड्राइवर का बस से नियंत्रण छूटा और 29 यात्रियों से भरी बस डिवाइडर से टकरा गई। जैसे ही बस डिवाइडर से टकराई, उसके फ्यूल टैंक में आग लग जाती है। जब ये दुर्घटना हुई तब रात का अंधेरा था और हाइवे पर तेज दौड़ती बस में बैठे सभी पैसेंजर गहरी नींद में थे।

हादसे के बाद जलती बस में क्यों फंसे रह गए यात्री?
बस AC थी लिहाजा उसकी खिड़कियां खुलती नहीं है, एग्जिट गेट केवल दो ही रहते हैं। हादसे के वक्त यात्री दरवाजे से इसलिए नहीं निकल पाए क्योंकि जिस ओर से बस पलटी, दरवाजा उसी तरफ था और वह दबा रह गया। एक ‘बर्निंग बस’ और अंदर फंसे 29 लोग मदद के इंतजार में जलते रहे। जब तक कोई मदद पहुंच पाती, तब तक 26 लोग जिंदा जल गए और बाकी बचे लोग बुरी तरह झुलस गए। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

निजी बसों के रियलटी चेक में क्या मिला?
नागपुर के जिन लोगों की जान गई है उनमें आयुष गाडगे, कौस्तूभ काले, कैलाश गंगावणे, इशांत गुप्ता, गुड़िया शेख और योगेश गवई शामिल हैं। जब इंडिया टीवी की टीम ने इस तरह की बस का रियलिटी चेक किया तो पाया कि इन बसों में इस तरीके से खिड़कियां बंद रहती हैं कि वो खुल नहीं पाती। एक निजी बस के ड्राइवर ने बताया कि इन शीशों को तोड़ना पड़ता है, तभी व्यक्ति बाहर निकल सकता है। बस में 2 से 3 दरवाजे रहते हैं, लेकिन इस तरीके की घटना के दौरान अफरा-तफरी का माहौल बन जाता है, इसलिए इतना बड़ा हादसा हो जाता है।

Related Articles

Back to top button