Uncategorized

9/11 Attacks से पहले ही हो सकता था लादेन का खात्मा, UK का प्लान US ने ऐसे दिया बिगाड़

11 सितंबर 2001 हमले के मास्टरमाइंड और अलकायदा के सरगना ओसाम बिन लादेन को अमेरिका करीब दस साल तक खोजता रहा. अमेरिका की यह तलाश 2 मई 2011 को खत्म हुई जब पाकिस्तान के एबटाबाद में ओसामा यूएस स्पेसल ऑपरेशन फोर्स के हाथों में मारा गया.  मीडिया रिपोट्स के मुताबिक हाल ही में सीक्रेट दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ कि  9/11 हमले से 9 महीने पहले ही ब्रिटेन लादेन को मारने की तैयारी कर चुका था.

 

द टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, नए सार्वजनिक किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के नेतृत्व वाली ब्रिटिश सरकार ने हवाई हमले में अल-कायदा नेता को मारने की रणनीति का समर्थन किया था.

उस समय, बिन लादेन अल-कायदा के हमलों की एक श्रृंखला के बाद एफबीआई की आतंकवादियों की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में में था. इन हमलों में केन्या और तंजानिया में अमेरिकी दूतावासों पर बमबारी भी शामिल थी, जिसमें 200 से अधिक लोग मारे गए थे. अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक यूएसएस कोल के खिलाफ एक आत्मघाती बम विस्फोट में 17 लोग मारे गए थे. इसके पीछे भी लादेन ही था.

अधिकारी ने बताई थी ब्लेयर को यह बात
ब्लेयर के विदेशी मामलों के सलाहकार जॉन सॉवर्स ने उस समय उनसे कहा था- ‘हम सभी ओबीएल को खत्म करने के पक्ष में हैं. अमेरिकियों के पास अभी तक सबूत नहीं है कि वह यूएसएस कोल पर हमले के लिए जिम्मेदार था. ऐसे में वे तब तक हवाई हमले शुरू नहीं करेंगे जब तक उनके पास कोई तगड़ा सबूत न हो और यह 20 जनवरी के बाद तक नहीं हो सकता (जब जॉर्ज डब्ल्यू. बुश राष्ट्रपति बनेंगे).’  अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के साथ डिनर से पहले तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर को यह य बात बताई गई थी.

इस वजह से नाकाम रहा ब्रिटेन

हालांकि ब्रिटेन की लादेन को मारने की रणनीति कामयाब नहीं हो पाई क्योंकि अमेरिका ने बिल क्लिंटन के आदेश पर 20 अगस्त 1998 को अफगानिस्तान के पूर्वी प्रांत खोस्त में अल कायदा के ठिकानों पर टॉमहॉक मिसाइल हमला कर दिया. अमेरिका ब्रिनेट से पहले लादेन को मारना चाहता था लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लादेन हमले में बच गया. उस ठिकाने पर लौट कर कभी नहीं आया जिसके बारे में ब्रिटेन को जानकारी थी.

Related Articles

Back to top button