Ghula Nabi Azad: ‘कम्पाउंडर’ कर रहे कांग्रेस का इलाज, पार्टी को दुआ की नहीं दवा की जरूरत, आजाद का तीखा हमला
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कांग्रेस पार्टी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर गंभीर आरोप लगाने के बाद पार्टी छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने एक बार फिर से तीखा हमला किया है. उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीमार कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है लेकिन उसका इलाज कम्पाउंडर कर रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले होने के आरोप पर भी आजाद ने बगैर नाम लिए राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह नरेंद्र मोदी के साथ मिले या नहीं? आजाद के बयानों के बाद कांग्रेस पार्टी ने भी आरोपों का जवाब दिया है.
चिट्ठी लिखने के बाद से आंखों में खटक रहा
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री आजाद ने सोमवार को फिर से दोहराया कि कांग्रेस की नींव कमजोर हो गई है और वह कभी भी बिखर सकती है. आजाद ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस नेतृत्व आंतरिक चुनाव के नाम पर धोखा दे रहा है. उन्होंने राहुल गांधी पर बचकाना बर्ताव करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि पार्टी के भीतर सारे फैसले उनके पीए और सिक्योरिटी गार्ड ले रहे हैं. इसके बाद कांग्रेस ने पलटवार करते हुए उन पर पार्टी को धोखा देने का आरोप लगाया था और कहा था कि उनका डीनएनए मोदी-मय हो गया है.
गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को कहा कि ‘जी 23’ की ओर से अगस्त 2020 में चिट्ठी लिखे जाने की वजह से वह कांग्रेस नेतृत्व और उसके करीबी लोगों की आंखों खटकने लगे. उन्होंने कहा, ‘मोदी-वोदी सब बहाना है, इनकी आंखों में हम खटकते हैं क्योंकि हमने चिट्ठी लिखी थी. इनको लगता है कि इन्हें कोई चुनौती नहीं दे सकता. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पहले वह अपने डीएनए की जांच कराएं, वह तो पहले फ्रीलांसर थे. वह बताएं कि पहले किस सरकार के कर्मचारी थे. वह हमारी पार्टी में नहीं थे, पहले वह अपनी जांच कराएं कि उनका डीएनए किस पार्टी का है.
कम्पाउंडर कर रहे हैं इलाज
आजाद ने कहा कि सबसे ज्यादा अफसोस की बात यह है कि जो बाहरी हैं, जो चापलूसी करते हैं, उन्हें पद मिले हैं. कांग्रेस को बीमार पार्टी करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं तो दुआ ही कर सकता हूं, मेरी दुआ से तो कांग्रेस ठीक नहीं हो सकती. उसके लिए दवा चाहिए, उसके लिए जो डॉक्टर हैं वह असल में डॉक्टर नहीं बल्कि कम्पाउंडर हैं.’ कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर आजाद ने कहा कि जब चुनाव होता है, उसके लिए सदस्यता अभियान होता है. यह पुराने समय से चला आ रहा है. अब क्या हो रहा है कि वोटर लिस्ट से लोगों के नाम लिए जाते हैं और उनके पैसे भर दिए जाते हैं. यह नकली सदस्यता अभियान है.
इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि राज्यसभा नहीं मिलने पर उन्होंने विरोधी रुख अपनाया, तो आजाद ने कहा, ‘जब हमने चिट्ठी लिखी थी तो उस वक्त मैं राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष था और मेरा कार्यकाल एक साल बचा हुआ था. अगर मुझे खुश करना होता तो क्या मैं यह करता? मैंने तो पहले ही साफ कर दिया था कि मुझे कुछ नहीं चाहिए.’उन्होंने कहा कि वह फिलहाल जम्मू-कश्मीर के स्तर पर पार्टी का गठन करेंगे. बीजेपी के साथ गठबंधन की संभावना से जुड़े सवाल पर आजाद ने कहा, ‘कांग्रेस में अनपढ़ों की जमात है जिसे जम्मू-कश्मीर में एबीसी मालूम है वह भी जानता है कि मैं बीजेपी के जनाधार वाले क्षेत्र में एक वोट नहीं बढ़ा सकता और मेरे क्षेत्र में भाजपा एक वोट नहीं बढ़ा सकती.’ आजाद ने कहा कि अपने इस्तीफे में जिन बातों का जिक्र उन्होंने किया है वह समंदर की एक बूंद भर है.
कांग्रेस ने किया पलटवार
आजाद के ताजा बयान के बाद एक बार फिर जयराम रमेश ने उन पर पलटवार करते हुए सोमवार को कहा कि आजाद को पार्टी को बदनाम करने का काम सौंपा गया है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट करते हुए सवाल किया कि आजाद हर मिनट अपने विश्वासघात को सही क्यों ठहरा रहे हैं? उन्हें आसानी से बेनकाब किया जा सकता है, लेकिन हम अपना स्तर क्यों गिराएं?’ गुलाम नबी आजाद ने करीब 5 दशक तक कांग्रेस में रहने के बाद पार्टी छोड़ दी है और इसके साथ ही 5 पन्नों की एक चिट्ठी में कांग्रेस नेतृत्व और खासतौर पर राहुल गांधी पर गंभीर सवाल भी उठाए हैं.