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गंभीर बीमारी से पीड़ित बेटे के इलाज के लिए प्रतिमाह 40 हजार रुपए देने का पिता को आदेश

दुबई में रहने वाले पति के खिलाफ तलाकशुदा पत्नी ने कोर्ट में याचिका दायर कर गंभीर बीमारी से ग्रस्त बेटे के इलाज के लिए गुजारा भत्ता दिलाने की मांग की थी। उपभोक्ता फोरम ने सुनवाई के दौरान पति को 40,000 रुपए प्रतिमाह अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया है। इस मामले में महिला की ओर से एडवोकेट प्रीति जोशी ने पैरवी की थी।

सैयदपुरा में रहने वाले आकाश की शादी वर्ष 2012 में इसी इलाके में रहने वाली राधिका से हुई थी। वर्ष 2015 में उनको एक बेटा पैदा हुआ था। बेटे का जन्म होने के बाद महिला का पति दुबई चला गया था। पत्नी ने भी दुबई आने की बात तो आकाश ने कहा था कि एक ही कमरे में दो व्यक्तियों के साथ रहता हूं, इसलिए तुम्हें नहीं बुला सकता हूं। इसी बात को लेकर दंपती में झगड़ा शुरू हुआ था। इसके बावजूद पत्नी दुबई पहुंच गई। हालांकि कुछ दिन बाद ही वह वापस लौट आई। गौरतलब कि दुबई में रहने और प्रतिमाह 3.50 लाख रुपए कमाने वाला पति पत्नी को घर खर्च के लिए एक भी रुपया नहीं देता था।

दो बार गर्भपात कराया
दुबई जाने के बाद महिला को दो बाद गर्भवती हुई, पर पति ने दोनों बार उसका गर्भपात करवा दिया था। इलाज पर अधिक रुपए खर्च होने का बहाना करके पति ने उसे दुबई से भारत भेज दिया था।

बेटा कुछ रिएक्ट नहीं कर रहा था
बेटे की हालत जन्म से ही नाजुक थी। वह कुछ भी रिएक्ट नहीं कर रहा था। ढाई साल होने के बाद उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। उसके इलाज के लिए पैसों की जरूरत थी।

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