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Assam Child Marriage: बाल विवाह पर सख्त असम CM हिमंत बिस्वा सरमा, कहा- अगले 10 दिन में गिरफ्तार होंगे 3000 आरोपी

असम में बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार लगातार एक्शन ले रही है. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाल विवाह करने वाले लोगों को चेतावनी भी दी है. मुख्यमंत्री सरमा ने रविवार को चेतावनी दी कि राज्य में आने वाले 10 दिनों के भीतर बाल विवाह में शामिल 3000 लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा. मुख्यमंत्री सरमा बीजेपी महिला मोर्चा की दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक के समापन अवसर पर कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि वह बस जी20 शिखर सम्मेलन के समापन का इंतजार कर रहे हैं, जैसे ही सम्मेलन खत्म होगा, वैसे ही वह दूसरे दौर की कार्रवाई शुरू कर देंगे. उन्होंने बताया कि सिर्फ छह महीने पहले ही असम में बाल विवाह के लिए 5,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सीएम ने बताया कि जी20 शिखर सम्मेलन के पूरा होने तक इस कार्रवाई को रोक दिया गया था. अगले 10 दिनों में बाल विवाह से जुड़े केस में 2000 से लेकर 3000 लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा.

कांग्रेस ज्यादा मुस्लिमों के लिए हमने काम किया: सीएम सरमा

असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य में सामाजिक खतरा बना रहता है, तो एक विशेष वर्ग की बेटियों को कभी भी प्रगति का मौका नहीं मिलेगा. कुछ लोगों का कहना है कि हम मुस्लिम विरोधी हैं. लेकिन हमने तीन तलाक, बहुविवाह और बाल विवाह को खत्म करने के अपने प्रयासों के जरिए बेहतरीन काम किया है. सीएम सरमा ने कहा कि हमने किसी भी कांग्रेस सरकार की तुलना में मुसलमानों के लिए सबसे ज्यादा काम किया है.

सीएम सरमा ने आगे कहा कि कई सारे मुस्लिम देशों में पहले से ही इस तरह की बुरी प्रथाओं को खत्म कर दिया गया है. हालांकि, राहुल गांधी और सोनिया गांधी ने भारत में इन प्रथाओं के खत्म किए जाने का विरोध किया है. मुख्यमंत्री ने इस बात की भी पुष्टि की है कि असम सरकार राज्य में बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए दिसंबर तक एक कानून लाएगी. असम में पिछले कुछ महीनों में बाल विवाह के खिलाफ सरकार ने सख्ती दिखाई है.

बहुविवाह खत्म करने के लिए पैनल गठित

असम में मई के महीने में राज्य सरकार ने कानून के जरिए बहुविवाह को खत्म करने के लिए एक एक्सपर्ट कमिटी का गठन किया. पैनल को भारत के संविधान के अनुच्छेद 25 के साथ पढ़े जाने वाले मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरीयत) अधिनियम, 1937 की जांच करने के लिए कहा गया. पैनल ने 8 जून को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में बताया कि राज्य के पास बहुविवाह रोकने के लिए कानून बनाने की शक्ति है.

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