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मिट्टी, बांस, घास से लेकर श्रमिक तक हुए महंगे, दो फुट की गणेश प्रतिमाएं ही 3.500 रुपए तक में बिक रहीं

गणेशोत्सव के पर्व में अब चंद दिन बचे हैं। ऐसे में शहर के गणेश भक्तों ने रंगारंग उत्सव की तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन, की कारणों से इस बार गणेश उत्सव पर भक्ति महंगी है। क्योंकि मूर्तियों पर 25 से 30 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है। दो फुट की श्रीजी प्रतिमा की कीमत लगभग 3,500 रुपए तक है। इसको लेकर लोगों में नाराजगी है कि फायदे के लिए श्रीजी की प्रतिमाओं के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं।

बता दें, हालांकि सार्वजनिक आयोजनों को लेकर सरकार ने रोक लगा दी है। फिर भी पिछले साल की तुलना में राहत मिलने से लोगों में खुशी का माहौल है। सरकार ने 4 फीट तक की गणेश प्रतिमा स्थापना करने की अनुमति दी है। इसके चलते अंतिम समय में श्रमिकों की व्यवस्था करनी पड़ी। मूर्तिकार और श्रमिक प्रतिमाएं बनाने में जुटे हैं।

वहीं, कोरोना के कारण इस बार श्रमिकों को दोगुना वेतन भी देना पड़ रहा है। क्योंकि, मूर्ति बनाने वाले ज्यादातर श्रमिक पश्चिम बंगाल के हैं, जिन्हें स्पेशल टिकट देकर बुलाया गया है। इसके अलावा मूर्ति बनाने में लगने वाली सामग्रियां भी महंगी हो गई हैं।

अब गोडाउन का किराया भी डेढ़ गुना तक बढ़ गया
कोरोना के कारण श्रमिक आने से कतरा रहे हैं। जिन श्रमिकों को प्रतिमाह 10 हजार देते थे, उन्हें 20 हजार रुपए तक देने पड़ रहे हैं। सूखी घास के लिए 700 की बजाय 1300, 10 किलो की मिट्टी के लिए 140 की जगह 170 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। गोडाउन का किराया भी डेढ़ गुना बढ़ गया है। बांस की कीमत भी 10 प्रतिशत बढ़ी है।

भक्त कम दाम पर मूर्तियां चाहते हैं, हम नहीं दे सकते
मूर्तिकार कापुस पाल ने बताया कि सिर्फ चार फूट तक की प्रतिमाएं बनाने से मूर्तिकारों को नुकसान होगा। भक्त कम कीमत पर मूर्तियां चाहते हैं, लेकिन हमारी मजबूरी है कि कम कीमत पर नहीं दे सकते। मिट्टी, बांस, कलर केमिकल, श्रमिकों का खर्च बढ़ चुका है। इससे पहले की अपेक्षा गणेश प्रतिमा की कीमत 25% तक ज्यादा होगी।

बता दें कि हर साल महाराष्ट्र और बंगाल सहित अन्य राज्यों से बड़ी संख्या में मूर्तिकार सूरत आते हैं। हाल ही में प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों को लेकर लोगों में दिख रहे विरोध के कारण मिट्टी की मूर्तियों की अच्छी खासी मांग देखी जा रही है। कोरोना के कारण पिछले साल गणेशोत्सव उत्सव में मात्र दो फुट की मिट्टी की प्रतिमाएं स्थापित करने के आदेश से त्यौहार का मज़ा किरकिरा हो गया था। पिछले साल की तुलना में कोरोना प्रतिबंधों में ढील दिए जाने के कारण भक्त इस वर्ष पर्व के रंगारंग उत्सव को लेकर रोमांचित थे। हालांकि बमरोली रोड, लाल दरवाजा, वेडरोड, अदजान सहित क्षेत्र में वर्तमान में कार्यरत मूर्तिकारों के मंडपों में प्रतिमा की कीमत सुनकर श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ गई है।

ठीक से तैयारी नहीं हो पाई, इसलिए आ रही दिक्कत
आमतौर पर गणेश उत्सव के लिए पश्चिम बंगाल के मूर्तिकार सूरत में साढे चार महीने पहले से ही आकर तैयारी करने लगते हैं। इस साल भी पहले से तैयारी करने का ज्यादा मौका नहीं मिला। अंतिम समय में तैयारी करनी पड़ रही है, इसलिए सबकुछ दो से तीन गुना महंगा पड़ रहा है।

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