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शब्बीर की गिरफ्तारी होते ही कमरगनी ने सोशल मीडिया चैट डिलीट कर दी, मोबाइल जांच के लिए एफएसएल भेजा गया

अहमदाबाद जिले के धंधुका के किशन भरवाड की हत्या मामले में एक के बाद एक कट्‌टरवादियों का नाम बेनकाब हो रहा है। ऐसे में एटीएस की टीम द्वारा कमरगनी को ही मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है। पुलिस को कई संदिग्ध सोशल मीडिया एकाउंट की लिंक भी बरामद हुई है। जिसका इस्तेमाल सिर्फ कट्‌टरवाद के लिए ही हो सकता है। इस सोशल मीडिया में कई अहम मुद्दे डिलीट हो चुके है और यह भी शब्बीर की गिरफ्तारी के बाद ही डिलीट होने का खुलासा हुआ है।

इसलिए इस मामले में अब एटीएस की ओर से गुजरात एफएसएल की मदद ली जा रही है। जो अब डिलीट हुआ डाटा का राज खोलकर कमरगनी और उसके नेटवर्क का पर्दाफाश कर सकेगा ऐसा एटीएस का मानना है। राज्य में पिछले कई समय से कट्‌टरवाद जगह-जगह फैल गया है। लेकिन इसके सबूत की जांच के लिए राज्य की सभी एजेंसी और केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण एजेंसी जांच के लिए जुट गई है। फिलहाल इस केस में मौलाना के मोबाइल से बरामद होने वाले डाटा के बाद ही आगे का खुलासा संभव है।

जांच में सोशल मीडिया महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी
गुजरात एटीएस ने धंधुका में हुए किशन भरवाड हत्या केस की जांच को अपने हाथ में लेने के बाद अब दिल्ली के मौलाना कमरगनी की अहमदाबाद के मौलाना आयूब और शब्बीर के अलावा कई लोग कट्‌टरवादी के नाम पर अनेक लोगों को टार्गेट बनाना चाहते थे। जो अब सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती है। फिलहाल एटीएस की टीम जांच में जुटी हुई है।

कमरगनी का मोबाइल महत्वपूर्ण साबित होगा
एटीएस सूत्रों के अनुसार मौलाना कमरगनी का मोबाइल और अन्य पहलुओं उनके लिए महत्वपूर्ण है। कमरगनी की सोशल मीडिया चैट और अन्य मामलों में अब एफएसएल को डिवाइस सुपूर्द किया गया है। जिसमें से अब डाटा रिकवर होगा और उसके आधार पर ही गुजरात में कट्‌टरवाद और कमरगनी के तार कहां तक पहुंचे है इसका खुलासा हो सकेगा। धंधुका के युवक को टार्गेट बनाकर दिल्ली के मौलाना कमरगनी उस्मानी ने गुजरात के मौलाना अयूब और शब्बीर की मुलाकात करने के बाद ही हत्या की योजना बनाई थी।

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