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‘फोर्डो हो या नतांज और इस्फहान, हमने…’, 12 दिन में ईरान के परमाणु ठिकानों का कैसा हो गया हश्र, इजरायली सेना ने बताया

इजराइल रक्षा बलों (IDF) ने शुक्रवार (27 जून, 2025) को बताया कि उसने 12 दिन चले सैन्य अभियान में ईरान के तीन बड़े परमाणु केंद्रों फोर्डो, नतांज और इस्फहान को भारी नुकसान हुआ है. इससे ईरान के परमाणु ढांचे को बड़ा झटका लगा है.

आईडीएफ ने बताया कि उसने 13 जून से ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम से यह अभियान शुरू किया था, जिसका मकसद ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को नुकसान पहुंचाना था, क्योंकि इजरायल को आशंका थी कि ये कार्यक्रम उसके अस्तित्व को खत्म करने के लिए बनाए जा रहे हैं.

इजरायली सेना के मुताबिक, इस अभियान में ईरान के 11 वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिकों को मार गिराया गया, जो इस कार्यक्रम के लिए सबसे अहम माने जाते थे. इसके अलावा अराक में एक निष्क्रिय परमाणु रिएक्टर पर भी हमला किया गया ताकि वह भविष्य में इस्तेमाल न हो सके.

आईडीएफ के अनुसार, ‘मिसाइल निर्माण से जुड़ी कई महत्वपूर्ण इकाइयों को भी निशाना बनाया गया. कुल मिलाकर 35 से ज्यादा ठिकानों, 200 लाॉन्चर और ईरान के 50 प्रतिशत लॉन्चरों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया. इसके अलावा 1,500 से ज्यादा कलपुर्जे, 15 दुश्मन विमान, 90 से ज्यादा निशाने, 80 जमीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल लॉन्चर और 6 एयरफील्ड पर भी हमला किया गया. सैकड़ों ईरानी सैनिक मारे गए, कई कमांडरों को निशाना बनाया गया और ईरानी सुरक्षा तंत्र के 30 से ज्यादा वरिष्ठ लोग खत्म किए गए.’

आईडीएफ ने कहा कि इस पूरे अभियान में इजरायल को ईरानी हवाई क्षेत्र में पूरी तरह आजादी से कार्रवाई करने का मौका मिला और अभियान के सभी उद्देश्य पूरे कर लिए गए.

आईडीएफ ने आगे बताया कि इस मिशन के दौरान बेहतरीन खुफिया जानकारी, तकनीक और हवाई क्षमता का इस्तेमाल हुआ. साथ ही सुरक्षा प्रणाली ने दिन-रात काम किया. इजरायली सेना ने यह भी बताया कि ईरानी आसमान में हवाई श्रेष्ठता बनाते हुए, इजरायली वायु सेना ने 1,500 उड़ानें भरीं और ईरान के रास्ते में लगभग 600 बार ईंधन भरा.

आईडीएफ ने कहा, ‘पूरे ऑपरेशन में, लड़ाकू विमानों ने 1,400 हमले किए और यूएवी से 500 हमले किए गए और उनमें से सबसे दूर से हमला मशहद हवाई अड्डे से एक लड़ाकू विमान से किया गया था, जो इजरायल से लगभग 2,400 किमी दूर है. इसके अलावा ईरान से छोड़े गए ड्रोन और मिसाइलों के सैकड़ों हमले रोके गए, जिसमें 99 प्रतिशत ड्रोन मार गिराए गए.’

इजरायली सेना ने बताया कि 12 दिन के इस अभियान के दौरान इजरायल में 170 से ज्यादा जगहों पर बचाव और राहत दल भी काम कर रहे थे. इससे पहले, मंगलवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने बताया कि ईरान के साथ संघर्षविराम का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया गया है, जिससे 12 दिन की लड़ाई का अंत हुआ.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओऱ से जारी एक आधिकारिक बयान में बेंजामिन नेतन्याहू ने घोषणा की कि इजरायल ने अपने सैन्य अभियान के सभी रणनीतिक लक्ष्यों को पूरा किया है, जिसे ऑपरेशन राइजिंग लायन कहा जाता है. यहां तक कि उम्मीद से ज्यादा हासिल किया. इसमें परमाणु और मिसाइल के दोहरे खतरों को भी खत्म किया गया.

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