दोषी अफसरों पर FIR, मृतक किसान के परिवार को 25 लाख का मुआवजा और नौकरी , घायलों को 2-2 लाख की मदद, 6 सितंबर तक का दिया अल्टीमेटम

हरियाणा के करनाल में महापंचायत के जरिए किसान नेताओं ने सरकार को जमकर घेरा। किसानों पर पुलिस के लाठीचार्ज को लेकर घरौंडा अनाज मंडी में हजारों किसान जुटे। सभी ने हरियाणा सरकार पर निशाना साधते हुए कार्रवाई में शामिल टीम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही।
इसलिए नहीं दिए थे वोट: सुरेश कौथ
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौथ ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इसलिए वोट दिए थे कि वह केंद्र में जाकर किसानों की बात रखेंगे। इसलिए नहीं कि किसानों पर केस दर्ज करवाएंगे। कौथ ने कहा कि दुष्यंत चौटाला को किसानों ने वोट इसलिए दिए थे कि वह किसानों के पक्ष में खड़े होंगे, न कि भाजपा की गोदी में बैठ जाएंगे। केस दर्ज करने हैं तो किसानों का नेतृत्व करने वाले किसान नेताओं पर दर्ज किए जाएं न कि आम किसानों पर।
भाजपा गो-बैक कहने का समय: सतनाम सिंह
पंजाब के किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि 22 साल के जवान किसान की मौत का बदला जरूर लेंगे। अंग्रेजों के समय में साइमन कमीशन को गो-बैक कहा था अब भाजपा को गो-बैक कहने का समय आ गया है। किसान शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। 5 सितंबर को यूपी के मुजफ्फरनगर में पांच करोड़ किसान इकट्ठे होकर जोश दिखाएंगे।
पूरे भारत में होनी चाहिए कॉल: विकास सीसर भारतीय किसान यूनियन के युवा प्रदेशाध्यक्ष विकास सीसर ने कहा कि हरियाणा और पंजाबी कॉल नहीं होनी चाहिए। पूरे भारत की कॉल होनी चाहिए। अकेले सीएम मनोहर लाल पर ध्यान रखने से किसानों का लक्ष्य पूरा नहीं होगा। हरियाणा में किसानों के सिर फोड़े जा रहे हैं। 40 हजार किसानों पर मुकदमे दर्ज हो गए। मोदी सरकार किसानों से डरी हुई है। सरकार के हंगामे की बात स्वीकार नहीं होगी। किसानों को भी सिर फोड़ने आते हैं।
नेताओं को नहीं पच रही किसानों की शांति पंजाब भाकियू किसान नेता मनजीत लठवाल ने कहा कि पंजाब की तरह हरियाणा वालों को भी इकट्ठे होकर लड़ने की जरूरत है। इकट्ठे होने के बाद ही अपनी मांगों को जल्द पूरा करवा सकते हैं। नेताओं को किसानों की शांति पच नहीं रही है। झंडे अलग-अलग हो सकते हैं पर खेती बचाने का मकसद तो सबका एक है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल देश के किसानों से माफी मांगें
नौजवान किसान नेता अभिमन्यु कुमार ने कहा कि हमारी तीन ही मांगें हैं, पहले SDM को जेल भेजा जाए। पूरा करनाल प्रशासन बर्खास्त किया जाए और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पूरे देश के किसानों से माफी मांगें। उन्होंने किसानों से आंदोलन को शांतिपूर्वक आगे बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि आंदोलन किसी नेता या यूनियन का होने से पहले 80 करोड़ किसानों का ही रहना चाहिए।
नहीं पहुंचे टिकैत, किसान मोर्चा से भी दो ही सदस्य पहुंचे
महापंचायत में हरियाणा, पंजाब, यूपी के 40 किसान संगठनों के नेता किसानों की टोलियों के साथ घरौंडा पहुंचे। यहां किसानों और संगठनों को राकेश टिकैत के आने की पूरी उम्मीद थी। एक दिन पहले उन्होंने खुद घरौंडा में महापंचायत का ऐलान किया था। वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से केवल दो सदस्य किसान नेता ही घरौंडा में पहुंचे।
SDM को बर्खास्त करने और केस दर्ज करने की संयुक्त मांग
महापंचायत में 12 बजे से 2:30 तक करीब 23 किसान नेताओं ने भाषण दिया। इस दौरान सभी ने अपनी-अपनी राय पेश की। किसान नेताओं ने संयुक्त रूप से मांग की कि SDM को बर्खास्त कर उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया जाए। साथ ही कहा गया कि सीएम मनोहर लाल किसानों से माफी मांगें। इसके बाद गुरनाम सिंह चढूनी के नेतृत्व में प्रमुख नेताओं को पंडाल से बाहर किसान नेताओं की मांगों पर अंतिम फैसला लेने के लिए अलग से भेजा गया।
डेरा कार सेवा ने पंडाल में लगाया लंगर
करनाल के डेरा कार सेवा की तरफ से अपनी गाड़ी में लंगर की सेवा शुरू की गई है। दूर दराज से आए किसानों के लिए भंडारा शुरू किया हुआ है। किसानों को लाइनों में बुलाकर प्रसाद बांटा जा रहा है।
किसान को दी श्रद्धांजलि
महापंचायत में 28 अगस्त को बसताड़ा टोल प्लाजा पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में आगामी रणनीति तैयार हुई। 10 संगठनों के पदाधिकारी महापंचायत में शामिल हुए। भाकियू प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढुनी के पहुंचने के बाद सबसे पहले बसताडा टोल पर घायल हुए किसानों को भाकियू प्रदेश महासचिव जगदीश सिंह ओलख ने मंच पर बुलाया। मंच पर राजेंद्र आर्य, रघगीर गगसीना, रणबीर पुनिया बडोता, दानवीर राजा कर्ण फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीन पुनिया, भाकियू प्रदेशाध्यक्ष बिंदू, महेश, महेंद्र को जगह दी गई।बसताडा टोल पर चोट लगने के बाद रात को हार्ट अटैक आने से मरे किसान सुशील को दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद राष्ट्रीय गान के साथ भारत माता व जय जवान-जय किसान के नारे लगाए गए।