काबुल एयरपोर्ट पर छठवें दिन भी भयावह स्थिति; अफगानियों की भारी भीड़, इन्हें खदेड़ने के लिए तालिबानी कर रहे हवाई फायरिंग

अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के आज पांच दिन बाद भी काबुल एयरपोर्ट के हालात खतरनाक बने हुए हैं। एयरपोर्ट के बाहर जब-तब फायरिंग होने लग रही है। तालिबानी विद्रोहियों की गोली कब किसे लग जाए, कोई नहीं जानता। तालिबान लड़ाकों की क्रूरता से लोग इस तरह खौफजदा हैं कि फायरिंग होने के बावजूद भी वहां से हटने को तैरूार नहीं हैं। लोग मजबूरन महिलाओं और बच्चों को लेकर एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं, ताकि किसी भी तरह से उन्हें देश से बाहर निकलने का मौका मिल सके।
पाकिस्तान में हो सकता है तालिबान प्रमुख हैबतुल्लाह अखुंदजादा
तालिबान का प्रमुख नेता हैबतुल्लाह अखुंदाजा पाकिस्तानी में हो सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि विदेशी इंटेलीजेंस एजेंसीज ने अखुंदजादा से जुड़े इनपुट शेयर किए हैं। इस पर भारत भी नजर बनाए हुए है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक अधिकारी ने बताया है कि अखुंदजादा पाकिस्तानी सेना की हिरासत में हो सकता है। तालिबान के दूसरे सीनियर लीडर्स ने उसे पिछले 6 महीने से नहीं देखा है। दूसरी तरफ ऐसी खबरें भी आ रही हैं कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने तालिबान से मेल-मिलाप बढ़ाना शुरू कर दिया है।
काबुल में 60 हिंदू और सिख सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाए गए
भारतीय अधिकारियों ने गुरुवार को काबुल स्थित करते-परवन गुरुद्वारे में शरण लिए 60 सिखों और हिंदुओं को सुरक्षित जगह पहुंचा दिया, ताकि इन्हें भारत भेजा जा सके। हालांकि, इनमें से कई सिखों का कहना है कि वे भारत की बजाय कनाडा या अमेरिका जाना चाहते हैं, क्योंकि भारत में उनका कोई रिश्तेदार नहीं है।
विरोध तेज होने से तालिबान परेशान
अफगानिस्तान में पंजशीर से शुरू हुआ तालिबान के विरोध का सिलसिला राजधानी काबुल तक पहुंचने से तालिबानी परेशान नजर आ रहे हैं। विरोध के स्वरों को दबाने के लिए अब उसने अफगानिस्तान के इमामों से अपील की है कि लोगों को समझाकर एकजुट करें। तालिबान की चिंता इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि अफगानिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज लेकर प्रदर्शन करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। तालिबान ने दो दिन पहले जलालाबाद में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलियां भी चलाईं, लेकिन विरोध कम नहीं हो रहा।