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आंध्र ने माना कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत हुई, पंजाब को भी इस तरह 4 मौतों की आशंका

आंध्र सरकार ने बुधवार को केंद्र को बताया कि राज्य में कुछ कोरोना मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई। राज्य सरकार ने कहा कि कुछ कोरोना संक्रमित वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे और इस दौरान ऑक्सीजन का प्रेशर कम होने के चलते उनकी जान गई। इससे पहले राज्य सरकार ने संसद में जानकारी दी थी कि पूरे देश में एक भी मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते नहीं हुई।

आंध्र प्रदेश पहला ऐसा राज्य है, जिसने इस बात को स्वीकार किया है कि इलाज के दौरान किसी कोरोना संक्रमित की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है।

पंजाब ने भी ऑक्सीजन किल्लत की बात कही
हाल ही में केंद्र ने राज्यों से कोरोना की दूसरी लहर से जुड़ा डेटा मांगा था। न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्र के हवाले से बताया कि 13 राज्यों ने केंद्र को जवाब भेजा है। इनमें अरुणाचल, असम, ओडिशा, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, झारखंड, हिमाचल और पंजाब शामिल हैं। आंध्र के अलावा पंजाब ने भी कहा है कि शक है कि 4 कोरोना मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी के चलते हुई है।

सरकार ने दूसरी लहर पर राज्यसभा में दिया था जवाब
सरकार से सवाल किया गया था कि क्या दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के चलते बड़ी संख्या में मरीजों की सड़कों और अस्पतालों में मौत हुई है। इस सवाल का लिखित जवाब केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण ने राज्य सभा में दिया था। भारती प्रवीण ने कहा था कि स्वास्थ्य राज्यों का मुद्दा है। सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को मौतों के आंकड़े को लेकर विस्तृत गाइडलाइन जारी की गई है। किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने ऑक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमित की मौत की बात नहीं कही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था- राज्यों पर दबाव नहीं बनाया
स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी राज्यसभा में कहा था केंद्र ने किसी राज्य को कोरोना से जुड़े आंकड़ों में छेड़छाड़ करने का दबाव नहीं बनाया। केंद्र सरकार का काम सिर्फ डेटा को राज्यों से इकट्‌ठा करके पब्लिश करने का है। हमने कभी किसी राज्य को डेटा से छेड़छाड़ करने के लिए नहीं कहा। ऐसा करने का कोई कारण नहीं है।

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